तकनीकी क्रांति में भारतीयों का योगदान सर्वाधिक प्रो.हरीश
मनोज रूगटां
रुद्रपुर देवरिया रामजी सहाय पी जी कॉलेज के सुमित्रा सहाय सभागार में "डिजिटल युग में भारतीय भाषाएं:अवसर और चुनौतियां" विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया संगोष्ठी की शुरुआत माँ सरस्वती व स्व सहाय जी के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित के साथ किया गया प्राचार्य प्रो कालेज के प्राचार्य बृजेश कुमार पाण्डेय ने आये हुए अतिथियों का माल्यापर्ण कर अंग वस्त्र प्रदान कर स्वागत किया

डॉ. प्रतीक सलगर,सहायक आचार्य,मराठवाडा मित्र मंडल,शंकर राव चौहाण विधि महाविद्यालय पुणे ने कहा कि भाषा के जन्म के चार स्तर. होते हैं,भाषा का उद्देश्य भावनाओं को समझना होता है,
संगोष्ठी में कुल 5 तकनीकी सत्र हुए जिसमे वक्ता के रूप में प्रो वाचस्पति द्विवेदी,प्रो राकेश पाण्डेय,प्रो सुनीता दुबे,प्रो सुषमा पाण्डेय,डॉ अविनाश कुमार पाण्डेय, डॉ. प्रतीक उपाध्याय, प्रो. मंजू मिश्र,प्रो.शैल पाण्डेय,प्रो एस पी मिश्र,डॉ. राम पाण्डेय ने विभिन्न उप विषयों पर अपने विचार व्यक्त किया,
तकनीकी सत्रों का संचालन डॉ. मनीष कुमार,डॉ. आनंद मोहन,डॉ. आशुतोष कुमार सिंह,डॉ. सुधीर कुमार श्रीवास्तव एवम डॉ शरद वर्मा ने किया,
समापन सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो ममता मणि त्रिपाठी, प्राचार्या, उदित नारायण पी जी कॉलेज, पडरौना, विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रो.विनोद मोहन मिश्र, प्राचार्य,बुध्द पी जी कॉलेज, कुशीनगर उपस्थित रहे
इस अवसर पर डॉ.नरेंद्र कुमार शर्मा,डॉ.सज्जन कुमार गुप्त,,डॉ गौरव पाण्डेय,डॉ विमल कुमार,डॉ अजय पाण्डेय,डॉ. रेखा पाण्डेय ,डॉ. अशोक सिंह,डॉ. दिव्या त्रिपाठी,डॉ. विनीता दीक्षित ,सहित अन्य प्राध्यापक गण, शोध छात्र एवम छात्र-छात्राएं उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन धीरज मद्देशिया ने किया
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