भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक- ब्रजेश मणि
मनोज रूंगटा
रूद्रपुर देवरिया रूद्रपुर क्षेत्र के ग्राम महेशपुर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन श्रीकृष्ण बाल लीला, कालियानाग मर्दन तथा गोवर्धन पूजा का सुंदर चित्रण किया गया कथावाचक श्रीमद्भगवताचार्य ब्रजेश मणि त्रिपाठी जी महाराज ने कहा कि भगवान की लीलाएं मानव जीवन के लिए प्रेरणादायक हैं। भगवान कृष्ण ने बचपन में अनेक लीलाएं की।
कथा में पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने कहा कि भगवान कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस उसको मौत के घाट उतारने के लिए अपनी राज्य की सर्वाधिक बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। पूतना वेश बदलकर भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं।
कथा में आगे बताया कि एक बाल गोप बालकों ने जाकर यशोदामाता से शिकायत कर दी–’मां तेरे लाला ने माटी खाई है, यशोदा माता हाथ में छड़ी लेकर दौड़ी आयीं। ‘अच्छा खोल मुख।’ माता के ऐसा कहने पर श्रीकृष्ण ने अपना मुख खोल दिया। श्रीकृष्ण के मुख खोलते ही यशोदाजी ने देखा कि मुख में चर-अचर सम्पूर्ण जगत विद्यमान थे
कथा व्यास ने बताया कि जब ब्रजवासियों ने इंद्र की पूजा छोडकर गिरिराज जी की पूजा शुरू कर दी, तो इंद्र ने कुपित होकर ब्रजवासियों पर मूसलाधार बारिश की, तब कृष्ण भगवान ने गिरिराज को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का मान मर्दन किया। तब इंद्र को भगवान की शक्ति का अहसास हुआ और इंद्र ने भगवान से क्षमा मांगी । इस अवसर पर यजमान के रूप में नरेश मणि त्रिपाठी व शारदा मणि त्रिपाठी, प्रवीण शास्त्री, कार्तिक मिश्रा, शैलेन्द्र पाण्डेय, बृजेश सिंह, प्रो0 राम प्रसाद तिवारी, मंगेश गुप्ता, प्रेमनारायण मणि, शेषनाथ पाण्डेय, जितेन्द्र मणि, रविकान्त मणि, शशिकान्त मणि, सुभाष पाण्डेय, चंद्रभान सिंह, हरेराम मणि, अशोक पाण्डेय, प्रतीक सिंह मोनू, धवल मणि, रमेश मणि, राणाप्रताप सिंह, योगेन्द्र सिंह, चन्द्रभान सिंह, कार्तिक मणि त्रिपाठी, किरण, कुसुम, जया, प्रियंका मणि, प्रीति, ऋद्धि तिवारी सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।
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