श्रीमद्भ भागवत कथा श्रवण मात्र से जन्म जन्मांतर के पापों का होता है नाश : ब्रजेश मणि त्रिपाठी
मनोज रूंगटा
रूद्रपुर देवरिया रूद्रपुर क्षेत्र के ग्राम महेशपुर मे आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भ भागवत कथा का शुभारम्भ हुआ जहा कथा व्यास ब्रजेश मणि त्रिपाठी के सानिध्य में यजमान वह महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई कलश यात्रा गांव के पोखरे से शुरू हुई और डीहबाबा के स्थान से होते हुए काली माई मंदिर, बांसदेव बाबा स्थान, शंकर जी के मन्दिर (महदेईया), डिहवारी माई के स्थान होते हुए गाँव के प्रमुख मार्गों से होकर कथा स्थल पहुची जहां वैदिक मत्रों की वीच कलश स्थापना कराया गया
कथा व्यास ब्रजेश मणि त्रिपाठी ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि राजा परीक्षत ने राजपाट छोड़कर श्रीमद् भागवत कथा सुनी थी। जीवन में कुछ पाने के लिए वैराग्य एवं त्याग की जरूरत पड़ती है। श्रीमद् भागवत कथा श्रवण मात्र से ही एक जन्म नहीं बल्कि जन्म जन्मांतर तक के पापों का नाश हो जाता है। मानव के मन में स्वच्छ विचारों का उदय हो जाता है और इससे मन को शांति मिलती है
इस दौरान नरेश मणि त्रिपाठी, शारदा मणि त्रिपाठी, इन्द्रजीत मणि जितेन्द्र मणि, रविकान्त मणि, शशिकान्त मणि, सुभाष पाण्डेय, शिवहरी त्रिपाठी, राणाप्रताप सिंह, रामप्रताप पाण्डेय, संजय कुमार यादव, रामप्रवेश भारती, कार्तिक मणि त्रिपाठी सहित काफी संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु उपस्थित थे
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