मनोज रूंगटा
रूद्रपुर देवरिया रुद्रपुर नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में निर्जला एकादशी का पर्व मनाया गया ज़हा महिलाओं ने दिनभर उपवास रखा तथा मंदिरों में जाकर भगवान की पूजा पाठ कर व्रत रखने का संकल्प लिया और कथा सुनी शाम को ठंडा शीतल पेय लेकर उन्होंने अपना उपवास खोला।
महिलाओं ने मनोकामना के लिए निर्जला एकादशी का उपवास रखा संकल्प लेकर किया दान पुण्य
आज निर्जला एकादशी व्रत को लेकर महिलाओ का दुगधेश्वर नाथ मंदिर शीतला माता मंदिर पहाड़ सिंह स्थान आदि पर भीड़ लग रहा महिलाओं ने अपनी मनोकामना के लिए निर्जला एकादशी का उपवास रखा
मंदिरों में ठाकुरजी के मिट्टी के पानी से भरे कलश चढाए, हाथ पंखा, चीनी, आम, तरबूज, खरबूजा चढाए। एकादशी की कथा सून कर शाम को ठंडा जलपान किया।
त्योहार को लेकर मंदिर परिसर में सजी दुकान
निर्जला एकादशी के त्यौहार को लेकर मंदिर परिसर में पंखा आदि समान की दुकान सजी रही जहां महिलाएं खरीद कर दान पुण्य की
आचार्य आदित्य पांडे ने बताया कि यह उपवास मोक्षदायक होने से इसकी अत्यंत फलदायक है। यह निर्जला एकादशी का व्रत सो एकादशी उपवास के बराबर माना गया है। महिलाएं निराहार बिना पानी पिएं उपवास रखती हैं।
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी कहलाती है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन निर्जला उपवास का पुण्य साल की 24 एकादशी के समान मिलता है। इस व्रत में पानी पीना वर्जित है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते हैं जो सबसे कठिन व्रत है
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