मानव जीवन में संतों का दर्शन और भगवान की कथा का वताया महत्व
मनोज रूंगटा
रुद्रपुर देवरिया डी. एन. इंटर कालेज के प्रांगण मे चल रहे नव दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के पांचवे दिन हरिमंगल पाराशर ने मानव जीवन में संतों का दर्शन और भगवान की कथा का महत्व बताया।और कहा कि मानव जीवन में संतों का दर्शन और भगवान की कथा का श्रवण सबसे दुर्लभ और महान कृपा है। यह केवल भाग्यशाली लोगों को ही प्राप्त होता है। संसार में धन, पद और प्रतिष्ठा का होना विशेष बात नहीं है। ये सब नश्वर हैं। धर्म के मार्ग पर चलना, अपने कर्तव्यों का पालन करना और जीवन को आध्यात्मिक दिशा में मोड़ना महत्वपूर्ण है।
महाराजजी ने कहा कि रावण जैसे विद्वान, जिसे समस्त वेदों का ज्ञान था। उसका पतन इसलिए हुआ, क्योंकि उसने धर्म का पालन नहीं किया। ज्ञान, शक्ति और सामर्थ्य होने के बावजूद, जब जीवन में धर्म का अभाव होता है तो विनाश निश्चित है। सच्ची शिक्षा वहीं है जो संस्कार दें, चरित्र निर्माण करें और परिवार, संस्कृति व समाज से जोड़ कर रखे। संसार का सबसे बड़ा धन भौतिक वस्तु नहीं, बल्कि माता-पिता का आशीर्वाद है। उनके स्नेह और आशीर्वाद में वह शक्ति है जो जीवन की सबसे कठिन राहों को भी आसान बना सकता है। हमें गर्व होना चाहिए अपनी जड़ों पर, अपनी मातृभाषा पर और उस धर्म पर जो वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से सबको जोड़ता है। अयोध्या की धरती से पधारे पूज्य प्रभाकर दास के सानिध्य में आयोजित भागवत कथा का रसपान हो रहा है
कथा में क्षेत्रीय उपाध्यक्ष छठठे लाल निगम नगर पंचायत अध्यक्ष सुधा निगम मीरा जैसवाल सरवन वर्मा अरुण मद्धेशिया दीपक जायसवाल आदि हजारों श्रद्धालु उपस्थित होकर कथा का रसपान किया
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