जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ा तब-तब परमात्मा अवतार धारण कर धरती पर धर्म की स्थापना की
मनोज रूंगटा
श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्म की कथा हुयी मनाया गया जन्मोत्सव
रूद्रपुर देवरिया रूद्रपुर क्षेत्र के ग्राम महेशपुर में चल रहे सात दिवसीय कथा के चौथे दिन गज-ग्राह की कथा, वामन अवतार, बलि का अभिमान चूर करना, श्रीकृष्ण जन्म की कथा एवं नंदोत्सव का वर्णन किया गया।
कृष्ण जन्म के प्रसंग पर पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, भजनों के साथ उठे झूम
इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कृष्ण जन्म के प्रसंग शुरू होते ही पांडाल में मौजूद श्रद्धालु नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की, भजनों के साथ झूम उठे।
कथा में कथा व्यास ब्रजेश मणि त्रिपाठी जी ने कहा कि जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए।
भागवत महापुराण के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए बताया कि जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब-तब परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं।
उन्होंने कहा कि द्वापर में जब कंस के अत्याचार बढ़े तो श्रीकृष्ण ने अवतार लेकर मुक्ति दिलाई
इस पावन अवसर पर यजमान के रूप में नरेश मणि त्रिपाठी व शारदा मणि त्रिपाठी, विज्ञान संचारक अनिल तिवारी, डॉ0 जितेन्द्र पांडेय, सत्राजित मणि सोनू, प्रेमनारायण मणि, शेषनाथ पांडेय, राम भगत शर्मा, जितेन्द्र मणि, रविकान्त मणि, शशिकान्त मणि, सुभाष पाण्डेय, शिवहरी त्रिपाठी, रामशंकर मणि, अशोक पांडेय, प्रतीक सिंह मोनू, कामेश्वर, रमेश मणि, राणाप्रताप सिंह, योगेन्द्र सिंह, चन्द्रभान सिंह, कार्तिक मणि त्रिपाठी, किरण, कुसुम, जया सहित काफी संख्या में गाँव व क्षेत्र के काफी संख्या में श्रद्धालु थे
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